सोमवार, 19 अप्रैल 2010

सडको पर झगडती जिन्दगी ..

लेख देख कर आपको अजीब तो लग रहा होगा कि यह तो बहुत आम सी बात है इसमे अलग क्या है....सडक पर  अकसर वाहनो का ... वाहन चालको का .. झगडा होता ही रहता है .. तो क्या ... आपने सही कही .... पर मैं भी तो इस बारे मे कुछ् कह ही नही रही ..मै तो उस झगडे की बात कर रही हूँ जो घर की चार दीवारी से बाहर निकल कर सडको पर आ कर फूटता है  ...
मनु और उसकी पत्नी आफिस एक साथ ही निकलते हैं ... रास्ते भर दोनो गाडी मे अपना गुस्सा ...अपनी खीज निकालते हैं और चिल्ला- चिल्ला कर बाते करते हैं घर पर बच्चो की वजह से चुप रहना पडता है ..एक बार तो गाडी मे पति पत्नी का झगडा इतना बढ गया कि भारी रश मे पत्नी ने चलती कार मे दरवाजा खोल कर कूदने की कोशिश की तब पति ने बहुत गुस्से से उसका हाथ अंदर खीचा ..
वही एक और कहानी मे दिल्ली से हिसार के रास्ते मे मैने देखा कि हमारे आगे एक कार पहले तो आराम से जा रही थी ..उसमे दो लोग सवार थे .. फिर पता नही दोनो पति पत्नी मे क्या बात हुई होगी कि पति ने इतनी तेज कार चलाई कि वो हमे दिखनी ही बंद हो गई पर हाँसी के पास उनकी कार की  पेड से जबरदस्त ट्क्कर हुई थी ...पुलिस की जीप वहाँ खडी हुई थी ...दोनो को बहुत चोट आई थी .. बताओ है कोई जवाब ...
ऐसा ही कुछ रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला ... एक महिला जोकि अच्छे परिवार की लग रही थी .. शायद वो अपने भाई को छोडने आई हुई थी...पहले तो वो धीरे धीरे बात करते रहे फिर आवाज तेज आनी शुरु हुई ...  कुछ ही देर बाद महिला रो रही थी और कह रही थी कि उसे भी साथ  घर ले चलो वो अपने पति के साथ नही रहना चाहती ...सब लोग उस महिला को देखने लगे पर वो लगातार रोती ही रही ..हम अक्सर देखते हैं कि कई बार लडाई घर पर होती है या आफिस के लिए देरी हो रही होती है  और गुस्सा वाहन पर निकाला जाता है .. मसलन वाहन बहुत ही तेज चलाया जाता है ... अपनी गलती होने पर भी दूसरे से झगडा किया जाता है कि मानो सारी की सारी गलती उसी दूसरे की हो.. 
ऐसे ना जाने कितने उदाहरण है....
 पर सोचने की बात यह है कि सडको पर  यह झगडा  कहा तक ठीक है ..अगर घर का माहौल ठीक हो ... आपस मे एक दूसरे को समझते हो ...तो यह नौबत ही ना आए .और ना ही सडको पर बोडृ लगाने की जरुरत पडेगी कि घर पर आपका कोई इंतजार कर रहा है ... इसलिए अगर आप भी घर से निकल रहे हैं तो सावधान हो जाए और जनाब जरा मुस्कुरा कर .. गुस्से को घर पर छोड कर ही निकले ..
मोनिका गुप्ता  
सिरसा 
Sirsa
Haryana

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

फ़ॉलोअर