मंगलवार, 20 अप्रैल 2010

वो पहला कदम .. वो पहली मुस्कान ..

वो पहला कदम .. वो पहली मुस्कान ..
याद है जब आपके बच्चे ने पहला कदम जमीन पर रखा था . यकीनन आप उसे कैसे भूल सकते हैं क्योकि वो तो आपकी जिन्दगी का सबसे सुनहरा अनुभव रहा होगा .उस समय उसकी ना सिर्फ तस्वीर खिंची होगी बलिक् ना जाने कितने दोस्तो और रिश्तेदारो को बताया होगा . ना सिर्फ  आखों मे खुशी के आसूं आए होगे बलिक आपका मन किया होगा कि काश यह अमूल्य क्षण हमेशा के लिए आखों मे बस जाए .तो फिर आज क्या हो गया . हैरान मत होईए .मै आपसे ही कह रही हूँ . उस दिन के बाद से 15-16 साल बाद जब आज आपका बच्चा घर से  बाहर पढ्ने जा रहा है तो इतना उदास क्यो हैं आप क्यो रो रो कर अपने साथ साथ अन्य घर वालो को भी उदास कर रहे हैं .यही तो ही जीवन है .मन तो आपको तभी पक्का कर लेना चाहिए था जब उसने पहला कदम जमीन पर रखा था .वही से उसके जीवन का नया अध्याय आरम्भ हो गया था .आज तो उसी अध्याय की एक और कडी जुड्ने जा रही है आज वो पढ्ने जा रहा है कल को वो कमाने जाएगा .जीवन का पहिया ऐसे ही चलता रहेगा .आज जरुरत है खुद का मन पक्का करने की . आपने सुना होगा कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड्ता है . एक सपना जो आपने देखा होगा कि वो बडा होकर ये बनेगा .  वो बनेगा .  वो पूरा करने के लिए तो अच्छी शिक्षा जरुरी हो ही जाती है और आप तो जानते ही है कि छोटे शहरो मे इतनी सुविधा उपलब्ध ही नही होती . तो क्या आप अपना सपना अधूरा ही रहने देगे . उसमे कितना दम है कितना जोश है उसे साबित तो करने दो .लेकिन उसके  जाने के नाम से ही आपका रो कर इतना बुरा हाल है  चलो ठीक है  आपका मन नही है तो मत भेजो बाहर पढाने .  घर पर रह कर करने दो पढाई .तब यकीन मानो एक दिन आप खुद ही कह उठेगें कि आपने गलती की  . मै जो बात को इतना घुमा फिरा कर कह रही  हूँ  उसके पीछे बस यही कहना चाह रही हूँ कि अब समय है मन को पक्का करने का . ना कि उदास होने का . आमतौर पर मम्मी  लोग ज्यादा मन से लगा लेती हैं कि मेरा बच्चा कैसे रहेगा , कैसे खाएगा , कौन ख्याल रखेगा , उसने तो कभी पानी का गिलास तक लेकर नही पिया  वगैरहा वगैरहा . पर यकीन मानो आज बच्चे बहुत समझदार हो गए हैं वो अपना ख्याल अच्छी तरह से रख सकते हैं आप उनकी हिम्मत  तो बनिए . आपको पता है कि  उदास तो पापा लोग भी होते है पर वो दिखाते नही हैं बस समझ लो उनकी तरह  मन पक्का करके अपने जिगर के टुकडे को वही मुस्कान देनी है जो  उसके पहला कदम रखते हुए आपने दी थी .मन उदास भी होगा , आसूँ भी आएगे पर उसे दिखाना नही है . उसे बस मजबूती देनी है कि जिस विश्वास से वो उसे बाहर भेज रहे है वो सपना पूरा कर के ही लौटे .फिर हम देखेगें आपके चहेरे की वो रौनक .
मोनिका गुप्ता
सिरसा 

Monica Gupta
Sirsa
Haryana

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