शुक्रवार, 14 मई 2010

बोल तू मीठे बोल ......

बोल तू मीठे बोल ......
लेख का टाईटल पढ कर आपको हैरानी हो रही होगी कि भला इस लेख मे क्या होगा ... भला ये भी कोई लेख हुआ. लेकिन जनाब सच पूछो तो आज के समय मे कमी ही इसी बात की है. हम ना तो किसी बात के धन्यवादी है और ना ही किसी की प्रशंसा करके खुश है. हांलाकि अपवाद तो होते ही है पर अधिकतर लोग किसी की तारीफ करने की बजाय मीठे बोल बोलने की बजाय  चुप रहना या कन्नी काट्ना ही बेहतर समझते हैं.
अब चाहे आप वेबसाईट की बात ले लो. तरह तरह के लेख, विचार इत्यादि छपते ही रहते हैं.  हम लोग उसे पढते भी है और शायद मन ही मन सराहते भी होगें पर जब बात आती है दो शब्द बोलने की ... हम पीछे हट जाते हैं और बहाना लगाते है अपनी व्यस्तता का या कोई और ...
अब सोचने की बात तो यह है कि आखिर किसी की तारीफ करने मे हम हिचकिचाते क्यो हैं आखिर  हमारा जाता क्या  है. लेकिन नही ...हम लोग मौका परस्त हो गए हैं तारीफ अगर करते भी है तो आमतौर पर उसकी जिससे काम निकलवाना हो. मै दुबारा कहना चाहूगीँ कि अपवाद होते हैं इसलिए आप बात को अपने उपर ना लेकर जाए कि हम तो ऐसे नही है. हाँ, तो मै कह रही थी कि तारीफ करने से आप को ही फायदा होगा वो ऐसे कि जिसकी आप तारीफ करेगे जिसके लिए मीठे बोल बोलेगें वो आप पर ना सिर्फ ज्यादा ध्यान देगा बलिक दस लोगो के सामने आपकी भी तारीफ करेगा.इतना ही नही वो खुद भी महेनत करके यह चाहेगा कि उसे फिर प्रशंसा मिले उसके लिए वो अपना काम ज्यादा लग्न से करेगा.तारीफ करने का यह मतलब भी नही है कि आप झूठी तारीफ करनी शुरु कर दे.जो सच्ची और अच्छी लगे उसकी तारीफ जरुर करे पर कई बार किसी को हौंसला देने के लिए या उसका मनोबल बढाने के लिए झूठी तारीफ भी करनी पडे तो भी पीछे नही हटाना चाहिए.
 अब आप घर का ही उदाहरण ले कि अगर आपने अपनी माता जी की या पत्नी की प्रशंसा कर दी कि खाना अच्छा बना है या घर बहुत साफ रखा है तो वो यह सुन कर ना सिर्फ खुश होगे बलिक और अच्छा काम करेगे क्योकि सारा दिन घर मे काम करने के बाद अगर दो मीठे बोल सुनने को मिल जाए तो क्या बात है नि;सन्देह उनकी थकावट उडन छू हो जाएगी.है ना.
यही बात बच्चो पर भी लागू होती है कि आपका बच्चा,बहन या भाई  कोई चित्र बनाता है या पेपर मे कम ज्यादा अंक लाता है तो  भी उसका उत्साह बढाए कि आपने अच्छा किया आगे भी और अच्छा करना. ना कि उसे टोके कि यह क्या कर दिया तुझसे अच्छा तो पडोसी जैन साहब का बेटा है जो इतना लायक है.
किसी की तारीफ करके, किसी से दो मीठे शब्द बोल कर तो देखिए जो खुशी आपको उसके चहेरे पर देखने को मिलेगी, उसका मनोबल बढेगा  इसका तो आप अंदाजा भी नही लगा सकते.तो हो जाए तैयार दो मीठे शब्द बोलने के लिए. जो जादू की झप्पी से कम काम नही करेगा. आप ही बताईए कि मैं सही हूँ या नही.
मोनिका गुप्ता   
सिरसा  
हरियाणा 

Sirsa
Haryana

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

फ़ॉलोअर